"কোথায় কি খবর করবেন ?" asks @KolkataPolice DC South to journalists. But that really is none of your business sir.
— ইন্দ্রজিৎ | Indrajit (@iindrojit) September 22, 2021
Hope @CPKolkata takes note. pic.twitter.com/w4vY4ZkCnd
DCP (South) Akash Magharia also asked the journalist for her vaccination certificate.
कोलकाता - सोशल मिडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है जिसमे कोलकाता पुलिस (दक्षिण) के उपायुक्त सवाल पूछने पर उसका जवाब देने के बजाय पत्रकार से उसका चरित्र प्रमाण पत्र मागंते हुए सुने और देखे जा सकते है।
पीटीआई के एक पत्रकार के अनुसार यह घटना मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के आवास के पास हुई है यह एक उच्च सुरक्षा वाला क्षेत्र है और भाजपा ने दावा किया था की पार्टी को वहां प्रचार करने की अनुमति नहीं दी जा रही है।वायरल विडयो में एक अज्ञात पत्रकार ने कोलकाता पुलिस उपायुक्त से एक सवाल पूछा था जिसका मघारिया ने जवाब देने से इनकार कर दिया था। पत्रकार ने पूछा की क्या वह मिडिया को जवाब देने से इनकार कर रहे है तो उपायुक्त ने सवालों के जवाब देने के बजाय पत्रकार से उस महिला पत्रकार का चरित्र प्रमाण पत्र और कोरोना टीकाकरण प्रमाण पत्र ही मांग लिया। पत्रकार ने जवाब दिया कि उसके पास अपने फोन पर प्रमाणपत्रों की एक प्रति है और वह उन्हें दिखाएगी। इतना ही नहीं मघरिया ने फिर पूछा कि वह किस बारे में रिपोर्ट करेगी, और उससे कहा कि वह अपने प्रमाणपत्रों की जांच के लिए पुलिस स्टेशन जाए।
क्या इस तरह से एक पत्रकार अपने कर्तव्यो का निर्वहन का पायेगा ? पत्रकारों के साथ होने वाली इन घटनाओं और दुर्व्यहवार के असल मायने देखे जाए तो प्रशासन के द्वारा पत्रकार को अपने हाथो की कठपुतली बनाने की नाकाम कोशिश की जा रही है या यूँ कहें की पत्रकारों के सवालों से बचने के लिए उनसे इस तरह का बुरा बर्ताव किया जा रहा है। कहने के लिए सरकारे दावे करती रहती है की पत्रकारों का अपमान कतई बर्दाश्त नहीं किया जायेगा लेकिन पत्रकारों से इस तरह के अपमानजनक व्यहवार के लिए कोई भी सरकार आगे नहीं आ रही है।
यह रिपोर्ट पढकर आपको लग रहा होगा की यह बहुत सरल रहा होगा लेकिन इस वीडियो को देखकर शायद पता चल जाये की इस अधिकारी का क्या और कैसा रवैया था।
और यह पहली बार नहीं है जब किसी पत्रकार से इस तरह का दुर्व्यहवार किया गया हो इससे पहले बंगाल के पुलिस उपायुक्त अजय ठाकुर बैरकपुर में हुई हिंसा को कवर कर रहे पत्रकारों पर खुलेआम हमला करते हुए कैमरे में कैद हुए थे।