शायद बिना विरोध प्रदर्शन या धरना प्रदर्शन के हक नही मिलेगा ? या यूं कहें कि ऐसा करने के लिए लोग मजबूर हो जाते है क्योंकि यहाँ पर अपना अधिकार पाने के लिए भी धरना प्रदर्शन करना पड़ता है। जिसका मतलब है कि पहले दूसरे के लिए कार्य करो फिर अपना अधिकार पाने के लिए धरना दो। ऐसा ही एक धरना प्रदर्शन सहारनपुर के नागल क्षेत्र में पिछले दो दिन से हो रहा है।
बजाज शुगर मिल गांगनौली पर बकाया गन्ना भुगतान की मांग को लेकर भारतीय किसान मजदूर संगठन के बैनर तले किसानों द्वारा दिया जा रहा धरना दूसरे दिन भी जारी रहा। मंगलवार को संगठन से जुड़े किसानों ने सोहनचिड़ा, हलगोवा, अहमदपुर, अंबेटाचांद व गांगनोली आदि में जनसंपर्क कर किसानों से आंदोलन में शामिल होने की अपील की।
संगठन के जिलाध्यक्ष अजब सिंह ने धरनारत किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि बजाज शुगर मिल अपनी हठधर्मिता पर उतारू है। क्षेत्र के किसान बकाया गन्ना भुगतान की मांग को लेकर बीते 36 घंटों से मिल गेट पर धरना दिए हैं। लेकिन मिल प्रबंधन तंत्र के कानों पर जूं नहीं रेंग रही है। मिल मालिकों को सरकार तथा प्रशासन का भी कोई खौफ नहीं है। कृष्णपाल सिंह ने कहा कि बीते सत्र का गन्ने का भुगतान नहीं होने से आज किसान भुखमरी के कगार पर है उसके पास नई फसल बोने को पैसा भी नहीं है लेकिन मिल प्रबंध तंत्र किसानों के पैसे से ऐसो आराम की जिंदगी जी रहे हैं।
कुशल पाल चौधरी ने चेतावनी देते हुए कहा कि जब तक किसानों के गन्ने का भुगतान नहीं होगा धरना जारी रहेगा।
धरने में कंवरपाल, आरिफ, कल्याण सिंह, कान सिंह राणा, आशीष राणा, शंभू सिंह, नईम प्रधान, कृष्ण पाल, श्रीपाल चंद, लील्लू सिंह, जसवीर, प्रवीण आदि रहे।